लेखनी प्रतियोगिता -11-Mar-2022 - माँ वीणापाणी
माँ वीणापाणी जगजननी हो तुम,
माँ सरस्वती विद्या देती हो तुम ,
सात सुरों का संगम माँ तुझमें ,
कमल के ऊपर विराजी हो तुम |
श्वेत वस्त्र धारण तुम करती हो,
हंस मैय्या तुम्हारी सवारी हो ,
मोर बड़ा मन को भाए तुम्हारे,
पीले पीले फूलों से आरती हो |
गणेश लक्ष्मी संग पूजते तुमको ,
चंदन रोली चावल टीका भाए तुमको,
आरती की थाली सजाते हैं लोग,
लड्डूओं का भोग लगाते हैं तुमको |
बसंत पंचमी पर मैय्या तेरी पूजा,
ज्ञान इतना हमें कोई देता न दूजा,
कलम मेरी चलती सिर्फ तेरे नाम से,
तेरे जैसा माता और न कोई दूजा |
माता रूप अनेक तेरे, हैं अनेक धाम ,
लक्ष्मी, काली , जगदंबे तेरे हैं नाम ,
मांँ शारदे तुम ही यहाँ हो कहलाती ,
अनुकंपा से तेरी , हो जाए मेरे काम |
दर्शन अपने मुझे करा दो दातीये ,
ज्ञान की जोत तुम जला दो दातीये ,
काव्य रचना होती रहे कलम से मेरी,
इतना मुझे दे दो तुम वरदान दातीये |
विश्वास तुम पर मेरा यूँ ही बना रहे,
सत्य, प्रीत, शौर्य का भाव सदा रहे,
अराधना मैं माँ तेरी यूंँ ही करती रहूंँ ,
हृदय में मेरे तेरा ही वास सदा रहे |
ज्ञानेश्वरी तुम ज्ञान मुझको हो देने वाली,
करुणा, त्याग ,संयम को परखने वाली,
धन दौलत की मुझको यहाँ चाहा नहीं है,
सिर्फ तुम ही हो कलम को ताकत देने वाली ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Shrishti pandey
12-Mar-2022 04:06 PM
Very nice
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Punam verma
12-Mar-2022 08:02 AM
Jay ho
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Abhinav ji
11-Mar-2022 11:34 PM
Nice👍
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